प्रकाश का परावर्तन और नियम laws of reflection of light in Hindi

naveen

Moderator

laws of reflection of light in Hindi


परावर्तन के नियम (Laws of reflection)

  • जब प्रकाश की कोई किरण एक माध्यम में गमन करती हुई दूसरे माध्यम के पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में एक निश्चित दिशा में चली जाती है तो यह घटना प्रकाश का कहलाती है ।
  • परावर्तन के लिये बहुधा दर्पण उपयोग में लिये जाते हैं । सामान्यतः काँच के एक पृष्ठ को सिल्वर्ड करके परावर्तक पृष्ठ बना दिया जाता हैं जो दर्पण कहलाता है |
  • चित्र 9.3 में PQ एक समतल दर्पण है। प्रकाश किरण AO दर्पण पर O बिन्दु पर आपतित हो रही है | दर्पण से टकराकर यह किरण OB दिशा में परावर्तित हो रही है। चित्र में ON दर्पण पर अभिलम्ब है | कोण AON आपतन कोण “i’ कहलाता है एवं कोण BON परावर्तन कोण ‘r” कहलाता है|
  • एक प्रायोगिक गतिविधि द्वारा हम आपतन कोण एवं परावर्तन कोण में सम्बन्ध ज्ञात कर सकते हैं |
  • एक कागज के गत्ते पर एक रेखा PQ खींचे एवं उसके अभिलम्ब एक रेखा ON खींचे । अब किसी कोण i पर एक रेखा AB बनाए एवं उस पर दो आलपीन लगाएं | PQ रेखा पर एक समतल दर्पण खड़ा करे | दर्पण में इन दो आलपीनों के प्रतिबिम्ब को देखते हुए दो अन्य आलपीन ( व D इस प्रकार लगावें कि C or D तथा A or B के प्रतिबिम्ब एक सरल रेखा में दिखाई दें CD सरल रेखा को खींचे एवं उसे तक विस्तारित करें । आप देखेंगे कि CD रेखा दर्पण पर O बिन्दु पर मिलती है|

laws of reflection of light in Hindi


  • आप देख सकते हैं कि कोण AON व DON बराबर है | यदि AB आपतित किरण है तो CD उसकी संगत परावर्तित किरण है। परावर्तन निम्न नियमों से होता है-
    (i) आपतित किरण, परावर्तित किरण एवं आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही समतल में होते हैं ।
    (ii) आपतित किरण जितना कोण अभिलम्ब के साथ बनाती है उतना ही कोण परावर्तित किरण अभिलम्ब के साथ बनाती है|
  • आपतन कोण i = परावर्तन कोण r अतः ८i-८r

समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब (Image formation in plane mirror)

  • समतल दर्पण में बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी होता है। वह प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे दर्पण से उतनी ही दूरी पर दिखाई देता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने स्थित है| प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार जितना ही होता है | दर्पण के सामने खड़े होकर जब हम अपने प्रतिबिम्ब को देखते हैं तो हम पाते हैं कि हमारा दायां भाग प्रतिबिम्ब का बायां भाग बन जाता है। इसी प्रकार यदि एक कागज पर आप P लिखकर उसे दर्पण की ओर करते हैं तो हमे दर्पण में q दिखाई देता है । समतल दर्पण में दिखाई पड़ने वाले इस परावर्तन को पार्श्व परावर्तन (Lateral Inversion) कहते हैं |
  • क्या आप ने कभी सोचा है कि दर्पण में प्रतिबिम्ब उपर से नीचे क्यों नहीं बनता है? यदि हम गौर से अवलोकन करें तो पाएंगें की दर्पण स्वयं कुछ नहीं करता है। हमें अपने प्रतिबिम्ब को देखने के लिये दायें से बायें घूमना पड़ता है । यदि हम अपना मुंह व दर्पण एक ही दिशा में कर दें तो हमारी पीठ दर्पण की ओर हो जाएगी एवं हम अपना प्रतिबिम्ब नहीं देख पाएंगे !
  • इसी प्रकार यदि आप अपने सम्मुख दर्पण को इस प्रकार रखें कि जब आप दर्पण को देखें तो आपका मुंह उत्तर दिशा में हो । अब आप अपने दायें हाथ को पूर्व दिशा की तरफ इंगित करे, आप पाएंगे कि आपका प्रतिबिम्ब भी पूर्व दिशा की तरफ ही इंगित कर रहा है। अब आप अपने हाथ को उत्तर दिशा में दर्पण की तरफ इंगित करें तो आप पाएगें कि प्रतिबिम्ब अपना हाथ दक्षिण की तरफ इंगित कर रहा है। यदि आप एक P की आकृति को कागज के गत्ते से काट कर बनाएं (अथवा किसी P आकार के खिलौनेनुमा अक्षर को लेवें) एवं उससे अपने हाथ में रखते हुए दर्पण के सामने खड़े हो तो आप पाएगें कि आपने व प्रतिबिम्ब ने P आकृति को पकड़ रखा है जबकि आपका बायां भाग दर्पण में दायां प्रतीत होता है। अब आप समझ सकते हैं कि जब आप कागज पर P लिखकर उसे दर्पण की ओर मुडाकर दर्पण में दखते हैं आप तो दर्पण को ‘पृ’ ही दिखा रहे होते है। आपने पहले ही कागज को 180 डिग्री से घुमा दिया है। जबकि गत्ते की P आकृति की कटिंग को आप प्रतिबिम्ब में ‘P’ ही देख रहे हैं। यदि इस गत्ते के ‘P’ के एक तरफ लाल रंग व दूसरी तरफ नीला रंग लगा देवें तो आप पाएंगे कि आप यदि लाल रंग देख रहे हैं तो दर्पण में प्रतिबिम्ब में P नीले रंग वाला दिखेगा ।

laws of reflection of light in Hindi



laws of reflection of light in Hindi FAQ –


1. निम्न में से कौनसे दर्पण में वृहद दृष्टि क्षेत्र दिखेगा
(क) समतल दर्पण
(ख) उत्तल दर्पण
(ग)
(घ) परवलियक दर्पण

उत्तर ⇒ { (ख) उत्तल दर्पण }

2. प्रकाश का वेग सर्वाधिक होगा
(क) पानी में
(ख) कांच में
(ग) निर्वात में
(घ) ग्लिसरीन में

उत्तर ⇒ { (ग) निर्वात में }

3. किस प्रभाव के कारण टंकी के पेंदे पर रखा सिक्का थोड़ा ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है
(क) अपवर्तन
(ख) परावर्तन
(ग) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर ⇒ { (क) अपवर्तन }

4. यदि एक दर्पण की फोकस दूरी + 60 सेमी. है तो यह दर्पण होगा
(क) अवतल दर्पण
(ख) परवलिय दर्पण
(ग) समतल दर्पण
(घ) उत्तल दर्पण

उत्तर ⇒ { (घ) उत्तल दर्पण }

5. एक समतल दर्पण की फोकस दूरी होगी
(क) 0
(ख) 1
(ग) अनन्त
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर ⇒ ???????

प्रश्न 1. जब कोई वस्तु प्रकाश के सभी रंगों को अवशोषित कर लेती है तो वह वस्तु हमें किस रंग की दिखाई देगी?
उत्तर- वह वस्तु हमें काली दिखाई पड़ती है।

प्रश्न 2. यदि हम समतल दर्पण में हमारा पूर्ण प्रतिबिम्ब देखना चाहें तो की न्यूनतम लम्बाई कितनी होनी चाहिये ?
उत्तर- किसी व्यक्ति का पूरा प्रतिबिम्ब देखने के लिए उस व्यक्ति की लम्बाई की आधी लम्बाई का समतल दर्पण चाहिए।

प्रश्न 3. उत्तल दर्पण के कोई दो उपयोग लिखिये।
उत्तर-

  • उत्तल दर्पण में बड़ी वस्तुओं के छोटे प्रतिबिम्ब प्राप्त करके सजावट के लिए उपयोग में लेते हैं।
  • इनका उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में किया जाता है।

प्रश्न 4. अवतल दर्पण के कोई दो उपयोग लिखिये।
उत्तर-

  • बड़ी फोकस दूरी का अवतल दर्पण हजामत बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिससे व्यक्ति के चेहरे का आभासी, बड़ा और सीधा प्रतिबिम्ब बनता है।
  • अवतल दर्पण परावर्तक दूरदर्शी में काम में लेते हैं। इससे दूरदर्शी की विभेदन क्षमता में वृद्धि होती है।

प्रश्न 5. दर्पण सूत्र लिखिये।
उत्तर- ध्रुव से बिम्ब की दूरी u, ध्रुव से प्रतिबिम्ब की दूरी v एवं ध्रुव से फोकस दूरी f ये तीनों राशियाँ एक समीकरण द्वारा सम्बद्ध हैं जिसे दर्पण सूत्र कहा जाता है।


The post appeared first on .