Carbon kya hai ? Characteristics of carbon atom in hindi
- बर्जीलिअस (Berzelius ) की धारणा थी कि कार्बनिक यौगिकों का निर्माण केवल जीवधारी स्त्रोतों (Living organisms) से ही सम्भव है तथा इनका कृत्रिम विधियों द्वारा प्रयोगशाला में संश्लेषण सम्भव नहीं है । इसे जैव शक्ति सिद्धान्त (vital force theory) कहा गया तत्पश्चात् जीवधारी स्त्रोतों से प्राप्त पदार्थों को कार्बनिक यौगिक कहा जाने लगा तथा कार्बन के यौगिक अर्थात् कार्बनिक यौगिकों के अध्ययन को कार्बनिक रसायन कहा गया |
होलर की खोज से “जैव शक्ति सिद्धान्त” का खण्डन हुआ तथा प्रयोगशाला में कार्बनिक यौगिक बनाने के प्रयत्न शुरू हुए । हम दैनिक दिनचर्या में कई कार्बनिक पदार्थों का उपयोग करते है। जैसे – अनाज, टेबल, कुर्सी, पेट्रोल, रसोई गैस, कागज, प्लास्टिक, कपड़े, तेल, साबुन, अपमार्जक, पेंसिल, रबर इत्यादि | इन सभी पदार्थों में कार्बन तत्व पाया जाता है | कार्बन परमाणु आवर्त सारणी के परमाणु क्रमांक छः (06) पर पाया जाने वाला एक अद्भुत गुणों वाला तत्व है। इसके छोटे आकार के कारण यह सिग्मा (0) बन्ध के साथ दर (पाई) बन्धों द्वारा द्विबन्ध एवं त्रिबन्ध का भी निर्माण कर सकता है। कार्बन परमाणु अपने विशिष्ट गुणों के कारण कई यौगिकों का निर्माण करता है जिनकी संख्या अन्य सभी तत्वों के द्वारा बनाये यौगिकों की कुल संख्या की तुलना में कई गुना अधिक है।
कार्बन परमाणु की विशेषताएँ (Characteristics of carbon atom)
1.आर्वत सारणी में परमाणु क्रमांक छः (06) पर स्थित परमाणु को कार्बन परमाणु का नाम दिया गया है। इसे C— प्रतीक से दर्शाते है ।
2. कार्बन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2 2s2 3s2 है।
3. कार्बन की संयोजकता (Valency) चार होती है एवं यह अपनी चारों संयोजकताओं को संतुष्ट करने के लिए निम्नानुसार संयोग करके अणु बना सकता है।
2. कार्बन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2 2s2 3s2 है।
3. कार्बन की संयोजकता (Valency) चार होती है एवं यह अपनी चारों संयोजकताओं को संतुष्ट करने के लिए निम्नानुसार संयोग करके अणु बना सकता है।
4. कार्बन की ज्यामिति समचतुष्फलकीय होती है जिसमें चारों संयोजकताएँ एक समचतुष्फलक के चारों कोनों की तरफ निर्देशित रहती है तथा कार्बन परमाणु समचतुष्फलक के केन्द्र में स्थित होता है। प्रत्येक संयोजकता के मध्य बन्ध कोण 09°28″ का होता है।
समचतुष्फलक (Regular Tetrahedron)
- “ऐसा चतुष्फलक जिसमें चार त्रिभुजाकार फलक उपस्थित हो, उसमें से एक को आधार मानते हुए इसके तीन कोनों को एक शीर्ष पर मिला दिया जाये तो अन्य तीन त्रिभुजाकार फलक बन जाये। इस सम्पूर्ण त्रिविम ज्यामिति को समचतुष्फलक कहते है|”
बन्ध कोण (Bond angle)
“दो निकटवर्ती बन्धों के मध्य के कोण को बन्ध कोण कहते है” जैसे CH4 में बन्ध कोण 109°28″ का होता है एवं मेथेन समचतुष्फलकीय- ज्यामिति का होता है |
परमाणु सिद्धांत (Atomic theory) FAQ –
1. मेथेन में बन्ध कोण का मान होता है
(क) 109°28
(ख) 120°
(ग) 180°
(घ) 105°
उत्तर ⇒ { (क) 109°28 }
2. C5H10 हाइड्रोकार्बन है
(क)
(ख) पेन्टीन
(ग) पेन्टाइन
(घ) पेन्टा डाइईन
उत्तर ⇒ { (ख) पेन्टीन }
3. फ्रियॉन-11 का है
(क) CFCl3
(ख) C2F2Cl4
(ग) CF2Cl2
(घ) C2F4Cl
उत्तर ⇒ { (क) CFCl3 }
4. प्राकृतिक रबर किसका बहुलक होता है ?
(क) नियोप्रीन
(ख) 1,3-ब्युटाडाइईन
(ग) आइसोप्रीन
(घ) ब्युना–N
उत्तर ⇒ { (ग) आइसोप्रीन }
5. कार्बन का कौनसा अपररूप विद्युत का सुचालक होता है?
(क) हीरा
(ख) ग्रेफाइट
(ग) फुलरीन
(घ) कोक
उत्तर ⇒ ???????
प्रश्न 1. एल्केन, एल्कीन एवं एल्काइन श्रेणी का सामान्य सूत्र लिखिए।
उत्तर- एल्केन CnH2n+2, एल्कीन CnH2n, एल्काइन CnH2n-2
प्रश्न 2. हाइड्रोकार्बन कौनसे दो तत्वों से निर्मित होते हैं ?
उत्तर- , कार्बन तथा हाइड्रोजन तत्वों से निर्मित होते हैं।
प्रश्न 3. IUPAC का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर- IUPAC का पूरा नाम International Union of Pure and Applied Chemistry (शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त रसायन का अन्तर्राष्ट्रीय संघ) होता है।
प्रश्न 4. वल्कनीकरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर- प्राकृतिक रबर की गुणवत्ता, तनन सामर्थ्य एवं प्रत्यास्थता बढ़ाने के लिए इसे सल्फर (S) के साथ गर्म करते हैं, इस प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं ।
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